भारत में वाहन स्क्रैप पॉलिसी 2025 के तहत 1 अप्रैल से कई पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। इस नीति का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना, सड़क सुरक्षा में सुधार करना और वाहन उद्योग को बढ़ावा देना है। यदि आपकी गाड़ी 15 साल या उससे अधिक पुरानी है, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कौन-कौन सी गाड़ियां इस नियम के तहत आएंगी, क्या इसके फायदे हैं, और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
सरकार ने यह कदम पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाया है। इसके तहत गाड़ियों की फिटनेस टेस्ट अनिवार्य होगी, और असफल होने पर उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं इस नीति की पूरी जानकारी।
Vehicle Registration Cancel: Overview of Policy
नीचे दिए गए टेबल में वाहन स्क्रैप पॉलिसी का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है:
पॉलिसी का पहलू | विवरण |
लागू होने की तिथि | 1 अप्रैल 2025 |
प्रभावित गाड़ियां | 15 साल से अधिक पुरानी निजी और व्यावसायिक गाड़ियां |
फिटनेस टेस्ट | अनिवार्य |
रजिस्ट्रेशन रद्द करने का कारण | फिटनेस टेस्ट में असफलता |
प्रोत्साहन | नई गाड़ी खरीदने पर छूट और टैक्स लाभ |
अपवाद | कृषि कार्य में उपयोग होने वाली गाड़ियां |
Vehicle Scrappage Policy 2025: Key Points
What is Vehicle Scrappage Policy?
वाहन स्क्रैप पॉलिसी एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य पुरानी और प्रदूषणकारी गाड़ियों को हटाकर नई, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल गाड़ियों को बढ़ावा देना है।
- 15 साल पुरानी गाड़ियां: निजी वाहन जो 15 साल से अधिक पुराने हैं, उन्हें फिटनेस टेस्ट पास करना होगा।
- 20 साल पुरानी गाड़ियां: व्यावसायिक वाहन जो 20 साल से अधिक पुराने हैं, उनके लिए भी यही नियम लागू होगा।
- फिटनेस टेस्ट: यदि कोई वाहन फिटनेस टेस्ट में असफल रहता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और उसे स्क्रैप करना अनिवार्य होगा।
वाहन स्क्रैपिंग के नियम
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नियमों के अनुसार:
- फिटनेस टेस्ट अनिवार्य: सभी पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना होगा।
- रजिस्ट्रेशन रद्द: यदि कोई वाहन फिटनेस टेस्ट में असफल रहता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन स्वतः रद्द हो जाएगा।
- स्क्रैपिंग प्रक्रिया: वाहन मालिकों को अपने वाहनों को पंजीकृत स्क्रैपिंग केंद्रों पर जमा करना होगा।
इससे प्रभावित होने वाली गाड़ियां
नीचे उन गाड़ियों की सूची दी गई है जिनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है:
- निजी वाहन: जो 15 साल या उससे अधिक पुराने हैं।
- व्यावसायिक वाहन: जो 20 साल या उससे अधिक पुराने हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी चालित वाहन: यदि वे फिटनेस टेस्ट में असफल रहते हैं।
Vehicle Fitness Test: Process and Cost
फिटनेस टेस्ट प्रक्रिया
फिटनेस टेस्ट के लिए वाहन मालिकों को अपने वाहनों को ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) पर ले जाना होगा।
लागत
- निजी वाहनों के लिए फिटनेस टेस्ट की फीस ₹5,000 होगी।
- दोपहिया वाहनों के लिए ₹1,000।
- आयातित वाहनों के लिए ₹40,000 तक की फीस लग सकती है।
Benefits of Vehicle Scrappage Policy
वित्तीय लाभ
- नई गाड़ी खरीदने पर छूट: पुरानी गाड़ी स्क्रैप करने पर नई गाड़ी खरीदने पर 5-6% तक की छूट मिलेगी।
- टैक्स लाभ: स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर टैक्स में छूट मिलेगी।
पर्यावरणीय लाभ
- प्रदूषण में कमी: पुरानी और प्रदूषणकारी गाड़ियों को हटाने से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
- सड़क सुरक्षा: नई और सुरक्षित गाड़ियों के उपयोग से दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
Vehicle Owners: Precautions and Steps to Avoid Registration Cancellation
यदि आप अपनी पुरानी गाड़ी को स्क्रैप होने से बचाना चाहते हैं:
- फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करें: अपनी गाड़ी का फिटनेस टेस्ट करवाएं।
- री-रजिस्ट्रेशन: फिटनेस सर्टिफिकेट पास करने के बाद री-रजिस्ट्रेशन कराएं। इससे आपको 5 साल तक का एक्सटेंशन मिल सकता है।
- स्क्रैपिंग केंद्र का उपयोग करें: अपनी पुरानी गाड़ी को पंजीकृत स्क्रैपिंग केंद्रों पर जमा करें।
Impact on Insurance and Loans
बीमा
रजिस्ट्रेशन रद्द होने वाली गाड़ियों पर बीमा कंपनियां कवरेज प्रदान नहीं करेंगी।
लोन
बैंक ऐसी गाड़ियों पर लोन देने से इनकार कर सकते हैं जो स्क्रैपिंग सीमा तक पहुंच चुकी हैं।
Disclaimer
यह लेख भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों पर आधारित है। वाहन स्क्रैप पॉलिसी का उद्देश्य प्रदूषण कम करना और सड़क सुरक्षा बढ़ाना है। यदि आपकी गाड़ी इस नीति के तहत आती है, तो आप इसे बचाने के लिए ऊपर दिए गए उपाय अपना सकते हैं।
वास्तविकता: यह नीति वास्तविक है और सरकार द्वारा लागू की जा रही है। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें और समय रहते आवश्यक कदम उठाएं।