भारत सरकार सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) यानी वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती है ताकि उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके और वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। इन योजनाओं में निवेश करके वरिष्ठ नागरिक नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं और Income Tax में भी छूट पा सकते हैं। बजट 2025 (Budget 2025) में वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे उन्हें और भी ज्यादा फायदा होगा।
इस लेख में हम वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 बड़ी सौगातों (5 Big Benefits) के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिनमें निवेश योजनाएं (Investment schemes), टैक्स में छूट (Tax deductions), और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं शामिल हैं। हमारा उद्देश्य है कि 60 वर्ष से ऊपर (For those above 60 years) के लोगों को इन योजनाओं की पूरी जानकारी मिल सके और वे इनका लाभ उठा सकें।
सीनियर सिटीजन स्कीम: मुख्य जानकारी
पहलू | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) |
ब्याज दर (Interest Rate) | 8.2% प्रति वर्ष (Q4 FY 2024-25) |
न्यूनतम निवेश (Minimum Investment) | ₹1,000 |
अधिकतम निवेश (Maximum Investment) | ₹30 लाख |
अवधि (Tenure) | 5 साल (3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है) |
टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) | सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट |
पात्रता (Eligibility) | 60 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिक |
वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 बड़ी सौगात (5 Big Benefits for Senior Citizens)
- ब्याज आय पर बढ़ी हुई TDS सीमा (Increased TDS Threshold on Interest Income): बजट 2025 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर TDS (Tax Deducted at Source) की सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया है. यह बदलाव वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू होगा. इससे वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स का बोझ कम होगा और उनके हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा.
- नेशनल सेविंग्स स्कीम (NSS) से निकासी पर छूट (Exemption on Withdrawals from NSS): वित्त मंत्री ने पुराने नेशनल सेविंग्स स्कीम (National Savings Scheme) खातों से निकासी पर छूट देने का प्रस्ताव रखा है. ये वो खाते हैं जिन पर अब ब्याज नहीं मिलता है. 29 अगस्त, 2024 के बाद NSS से निकासी करने पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी. यह छूट सिर्फ NSS-87 और NSS-92 खातों पर लागू होगी, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) स्कीम पर नहीं.
- सरलीकृत टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया (Simplified Tax Filing Process): सेक्शन 194P के तहत 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाया गया है. ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय सिर्फ पेंशन और बचत खाते के ब्याज से है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return) भरने की जरूरत नहीं है. निर्दिष्ट बैंक इन लोगों के लिए टैक्स कटौती का प्रबंधन करेंगे.
- सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS): सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है. यह सरकार समर्थित योजना है, जो रिटायरमेंट के बाद नियमित आय और सुरक्षा प्रदान करती है. SCSS में निवेश करने पर 8.2% प्रति वर्ष की दर से ब्याज मिलता है. ब्याज हर तिमाही में जमा किया जाता है. इस योजना में न्यूनतम निवेश ₹1,000 और अधिकतम निवेश ₹30 लाख है. SCSS में निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है.
- नई टैक्स व्यवस्था में राहत (Relief in New Tax Regime): नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा ₹75,000 तक बढ़ाई गई है. इससे पेंशनर्स (Pensioners) और सीनियर सिटीजन्स (Senior citizens) को फायदा होगा. 60 वर्ष से अधिक आयु के करदाताओं को संशोधित टैक्स स्लैब (Tax slabs) से भी लाभ हुआ है. पुरानी टैक्स व्यवस्था में पेंशनर्स को केवल ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता था, जबकि फैमिली पेंशनर्स (Family pensioners) के लिए यह सीमा ₹15,000 थी.
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) के बारे में और जानकारी
- पात्रता (Eligibility): 60 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिक SCSS खाता खोल सकते हैं. 55-60 वर्ष के बीच के सेवानिवृत्त कर्मचारी (Retired employees) और 50-60 वर्ष के बीच के सेवानिवृत्त रक्षा कर्मचारी (Retired defence employees) भी कुछ शर्तों के साथ SCSS खाता खोल सकते हैं.
- निवेश की सीमा (Investment Limit): SCSS खाते में न्यूनतम निवेश ₹1,000 और अधिकतम निवेश ₹30 लाख है.
- ब्याज दर (Interest Rate): SCSS खाते पर ब्याज दर 8.2% प्रति वर्ष है. यह दर सरकार द्वारा हर तिमाही में संशोधित की जाती है.
- अवधि (Tenure): SCSS खाते की अवधि 5 वर्ष है, जिसे 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है.
- नामांकन (Nomination): SCSS खाते में नामांकन की सुविधा उपलब्ध है. खाताधारक किसी भी व्यक्ति को नामांकित कर सकता है, जिसे खाताधारक की मृत्यु के बाद राशि मिलेगी.
- समय से पहले निकासी (Premature Withdrawal): SCSS खाते से समय से पहले निकासी की जा सकती है, लेकिन इस पर कुछ शुल्क लगते हैं.
टैक्स स्लैब (Tax Slabs)
बजट 2025 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 (आकलन वर्ष 2026-27) के लिए सीनियर सिटीजन्स के लिए टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं:
नई कर व्यवस्था (New Tax Regime)
आय सीमा (₹) | कर दर |
---|---|
0 – 4 लाख | शून्य |
4 – 8 लाख | 5% |
8 – 12 लाख | 10% |
12 – 16 लाख | 15% |
16 – 20 लाख | 20% |
20 – 24 लाख | 25% |
24 लाख से ऊपर | 30% |
पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime)
आय सीमा (₹) | कर दर |
---|---|
3 लाख तक | शून्य |
3-5 लाख | 5% |
5-10 लाख | 20% |
10 लाख से ऊपर | 30% |
Disclaimer: यह लेख विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।