देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का ऐलान किया है। यह नई दरें 8 अप्रैल 2025 से लागू हो गई हैं। हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस वृद्धि का सीधा असर आम जनता पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि तेल कंपनियां इस अतिरिक्त शुल्क का भार खुद उठाएंगी।
इस लेख में हम समझेंगे कि एक्साइज ड्यूटी में यह वृद्धि क्यों की गई, इसका आम आदमी और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलू।
What is Excise Duty? (एक्साइज ड्यूटी क्या है?)
Excise Duty एक प्रकार का टैक्स है जो केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल जैसे उत्पादों पर लगाया जाता है। यह टैक्स ईंधन की कुल कीमत का एक बड़ा हिस्सा बनता है। वर्तमान में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी ₹19.90 प्रति लीटर थी, जो अब बढ़कर ₹21.90 प्रति लीटर हो गई है। वहीं, डीजल पर यह दर ₹15.80 से बढ़कर ₹17.80 प्रति लीटर हो गई है।
एक्साइज ड्यूटी में बदलाव का संक्षिप्त विवरण
पैरामीटर | पहले की दर (₹/लीटर) | बढ़ी हुई दर (₹/लीटर) |
पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी | 19.90 | 21.90 |
डीजल पर एक्साइज ड्यूटी | 15.80 | 17.80 |
वृद्धि | 2.00 | 2.00 |
सरकार ने क्यों बढ़ाई Excise Duty?
सरकार ने इस वृद्धि के पीछे कई कारण बताए हैं:
- राजस्व बढ़ाने के लिए: सरकार को वित्त वर्ष 2025 में एलपीजी सब्सिडी और अन्य योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता है। इस वृद्धि से सरकार को लगभग ₹32,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है।
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें हाल ही में चार साल के निचले स्तर पर आ गई हैं। सरकार ने इस मौके का फायदा उठाकर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया।
- एलपीजी सब्सिडी का भार कम करना: एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी के कारण तेल कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा था। इस वृद्धि से उस नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।
जनता पर इसका सीधा असर
सरकार ने दावा किया है कि इस वृद्धि का सीधा असर आम जनता पर नहीं पड़ेगा। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
- तेल कंपनियां उठाएंगी भार: सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (OMCs) जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम इस अतिरिक्त शुल्क को खुद वहन करेंगी।
- खुदरा कीमतें स्थिर रहेंगी: पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी।
हालांकि, घरेलू रसोई गैस (LPG) सिलेंडर की कीमत में ₹50 प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे घरेलू बजट पर थोड़ा असर पड़ सकता है।
पेट्रोल-डीजल के मौजूदा दाम (8 अप्रैल 2025)
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 103.94 | 89.97 |
कोलकाता | 103.94 | 91.76 |
चेन्नई | 100.85 | 92.44 |
एक्साइज ड्यूटी बढ़ने के फायदे और नुकसान
फायदे:
- सरकारी राजस्व में वृद्धि: इससे केंद्र सरकार को बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों के लिए अधिक धन मिलेगा।
- एलपीजी सब्सिडी का प्रबंधन: तेल कंपनियों को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ संतुलन: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई होगी।
नुकसान:
- घरेलू बजट पर असर: एलपीजी सिलेंडर महंगा होने से घरेलू उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।
- तेल कंपनियों पर दबाव: OMCs को अपने मुनाफे में कटौती करनी पड़ेगी, जिससे उनके वित्तीय प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
भविष्य में क्या हो सकता है?
- अगर कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें स्थिर रहती हैं या घटती हैं, तो पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती संभव हो सकती है।
- दूसरी ओर, अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो OMCs इस अतिरिक्त बोझ को उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं, जिससे ईंधन महंगा हो सकता है।
निष्कर्ष
पेट्रोल और डीजल पर ₹2 प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी, लेकिन इसका सीधा असर आम जनता पर नहीं पड़ेगा। हालांकि, घरेलू रसोई गैस महंगी होने से लोगों के बजट पर थोड़ा दबाव जरूर आएगा।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। एक्साइज ड्यूटी बढ़ने का असली प्रभाव समय के साथ स्पष्ट होगा। फिलहाल यह निर्णय वास्तविक है और इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व बढ़ाना और सब्सिडी प्रबंधन करना है।