भारत में आयकर की व्यवस्था में हाल ही में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। न्यू टैक्स रिजीम को बजट 2025 में पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य आयकर की व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाना है।
इस रिजीम के तहत आयकर की दरें कम हो गई हैं और अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए टैक्स स्लैब्स को विस्तारित किया गया है।
न्यू टैक्स रिजीम अब डिफ़ॉल्ट टैक्स रिजीम है, जिसका मतलब है कि यदि आप पुराने रिजीम का चयन करना चाहते हैं तो आपको विशेष रूप से इसका चयन करना होगा।
न्यू टैक्स रिजीम के तहत आयकर की दरें निम्नलिखित हैं:
- 0% आय ₹4 लाख तक
- 5% आय ₹4 लाख से ₹8 लाख तक
- 10% आय ₹8 लाख से ₹12 लाख तक
- 15% आय ₹12 लाख से ₹16 लाख तक
- 20% आय ₹16 लाख से ₹20 लाख तक
- 25% आय ₹20 लाख से ₹24 लाख तक
- 30% आय ₹24 लाख से अधिक
New Tax Regime Slabs 2025:
आय सीमा | टैक्स दर |
---|---|
0 – ₹4 लाख | 0% |
₹4 लाख – ₹8 लाख | 5% |
₹8 लाख – ₹12 लाख | 10% |
₹12 लाख – ₹16 लाख | 15% |
₹16 लाख – ₹20 लाख | 20% |
₹20 लाख – ₹24 लाख | 25% |
₹24 लाख से अधिक | 30% |
न्यू टैक्स रिजीम के फायदे:
- सरल और पारदर्शी: इसमें कम टैक्स दरें और व्यापक आय सीमाएं हैं।
- कम दस्तावेज़ीकरण: पारंपरिक कटौतियों की आवश्यकता नहीं होती।
- व्यापक आय सीमाएं: अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आय सीमाएं बढ़ाई गई हैं।
न्यू टैक्स रिजीम के लिए कौन उपयुक्त है?
- वेतनभोगी व्यक्ति: जिनकी आय ₹12.75 लाख तक है और वे पारंपरिक कटौतियों का उपयोग नहीं करते हैं।
- उच्च आय वाले व्यक्ति: जिनके पास पारंपरिक कटौतियों का उपयोग कम होता है।
न्यू टैक्स रिजीम बनाम ओल्ड टैक्स रिजीम:
ओल्ड टैक्स रिजीम की विशेषताएं:
- टैक्स स्लैब्स: 0% तक ₹2.5 लाख, 5% ₹2.5 लाख से ₹5 लाख, 20% ₹5 लाख से ₹10 लाख, और 30% ₹10 लाख से अधिक।
- कटौतियाँ: HRA, LTA, सेक्शन 80C, सेक्शन 80D जैसी कटौतियाँ उपलब्ध हैं।
- जटिलता: इसमें अधिक दस्तावेज़ीकरण और कटौतियों की आवश्यकता होती है।
न्यू टैक्स रिजीम की विशेषताएं:
- टैक्स स्लैब्स: जैसा कि ऊपर बताया गया है।
- कटौतियाँ: केवल वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए ₹75,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन उपलब्ध है।
- सरलता: इसमें कम दस्तावेज़ीकरण और सरल प्रक्रिया है।
न्यू टैक्स रिजीम के नुकसान
- कटौतियों का अभाव: अधिकांश पारंपरिक कटौतियाँ नहीं मिलती हैं।
- निवेश की कमी: निवेश पर टैक्स बचत के अवसर कम होते हैं।
न्यू टैक्स रिजीम के लिए कैसे चुनाव करें?
यदि आप न्यू टैक्स रिजीम का चयन करना चाहते हैं, तो आपको आयकर रिटर्न फॉर्म में इसका चयन करना होगा।
यदि आप पुराने रिजीम का चयन करना चाहते हैं, तो आपको विशेष रूप से इसका चयन करना होगा। यह निर्णय आपकी व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति और कटौतियों के उपयोग पर निर्भर करता है।
न्यू टैक्स रिजीम की महत्वपूर्ण तिथियां:
घटना | तिथि |
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बजट 2025 घोषणा | फरवरी 2025 |
न्यू टैक्स रिजीम लागू | 1 अप्रैल 2025 |
वित्तीय वर्ष | 2025-26 |
मूल्यांकन वर्ष | 2026-27 |
निष्कर्ष
न्यू टैक्स रिजीम आयकर की व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने का एक प्रयास है। यह रिजीम विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो पारंपरिक कटौतियों का उपयोग नहीं करते हैं और सरल आयकर प्रणाली चाहते हैं।
हालांकि, यह निर्णय व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है और आपको अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए।
Disclaimer:
यह लेख न्यू टैक्स रिजीम स्लैब की जानकारी प्रदान करता है। दी गई जानकारी बजट 2025 और आयकर विभाग की आधिकारिक घोषणाओं पर आधारित है। न्यू टैक्स रिजीम वास्तव में लागू हो रहा है और यह आयकर की व्यवस्था को सरल बनाने का एक प्रयास है।