आज के इस आर्टिकल में हम आपको बैंक एफडी न्यू रूल्स गाइडलाइंस से जुड़ी हुई जानकारी देने वाले हैं। इसलिए यदि आपको इसके बारे में पूरा विवरण चाहिए तो आप इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ सकते हैं। इस प्रकार से इस लेख को पढ़कर आप फिर सरलता के साथ सारे नए रूल के अनुसार एफडी के फायदे ले सकते हैं।
एफडी का पूरा नाम फिक्स डिपाजिट होता है और यह एक प्रकार का निवेश होता है। दरअसल जब हमारे पास अपनी आवश्यकता से ज्यादा पैसे होते हैं तो हम इन पैसों को पोस्ट ऑफिस में या फिर किसी बैंक में जमा कर सकते हैं। बताते चलें कि कई गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पास भी हम एफडी के तौर पर अपना पैसा जमा कर सकते हैं.यह धनराशि एक तय की गई निश्चित अवधि तक के लिए जमा की जाती है।
इस प्रकार से जमा किए गए पैसे पर एक निश्चित दर से ब्याज प्रदान किया जाता है। मौजूदा समय में ज्यादातर लोग अपने पैसे को एफडी करके सुरक्षित रखते हैं।
बैंक एफडी न्यू रूल्स गाइडलाइंस
अगर आप एफडी में अपनी पूंजी को निवेश करते हैं या जमा करने की योजना बना रहे हैं तो आपको अब नए रूल के बारे में पता होना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने 1 जनवरी 2025 से फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए नए रूल बना दिए हैं।बैंक के द्वारा जारी किए गए सारे नियम गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए बनाए गए हैं। दरअसल इन नए नियमों को इसलिए जारी किया गया है ताकि देश के सारे नागरिकों को इनसे ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके।
Overview of Bank FD New Rules Guidelines
Feature | Description |
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FD का फुल फॉर्म | फिक्स्ड डिपॉजिट |
कौन जारी करता है | रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया |
नियम कब से लागू | 1 जनवरी 2025 |
नियम किसके लिए | गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों |
न्यूनतम जमा राशि | बैंकों और एनबीएफसी द्वारा एफडी खोलने के लिए न्यूनतम डिपॉज़िट राशि 1,000 रु. तय की गई है। |
टैक्स सेविंग एफडी | टैक्स सेविंग एफडी पर 5 साल की लॉक–इन अवधि होती है। |
पैन कार्ड | फिक्स्ड डिपॉज़िट के आवेदन करने के लिए पैन कार्ड की ज़रूरत पड़ती है। |
वरिष्ठ नागरिकों के लिए लाभ | सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस (Budget 2025) की सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया है। |
एफडी के नए रूल कब से लागू किए गए हैं
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 1 जनवरी 2025 से एफडी के लिए नए नियमों को लागू कर दिया है। इन सारे नियमों को लेकर रिजर्व बैंक ने देश के सारे बैंकों को भी कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। अगर किसी भी बैंक के द्वारा स्टेट बैंक आफ इंडिया के इन नए नियमों का पालन नहीं किया जाएगा, तो इनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
बैंक एफडी के नए नियम
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने फिक्स्ड डिपॉजिट को लेकर निम्नलिखित नियम बनाए हैं:-
- नए नियम के मुताबिक निवेशक 10000 रूपए तक की छोटी जमा राशि को अगर निकालना चाहें तो तीन माह के अंदर इसे बिना किसी ब्याज के निकाला जा सकता है।
- रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने यह भी नियम बनाया है कि जमा की गई राशि का 50% या 5 लाख रुपए को निकाला जा सकता है। इस आंशिक निकासी के तहत 3 माह के भीतर बिना ब्याज के पैसे निकाले जा सकते हैं। बाकी बची हुई राशि पर सहमत दर से ब्याज आपको मिलता रहेगा।
- यदि कोई जमाकर्ता बीमार हो गया है तो ऐसी स्थिति में वह अपनी पूरी जमा राशि को निकल सकता है परंतु इस पर ब्याज का फायदा नहीं मिल सकेगा।
- रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने यह नियम भी बनाया है कि गैर वित्तीय कंपनियाों को अब एफडी की परिपक्वता के बारे में न्यूनतम दो सप्ताह पहले निवेशक को जानकारी देनी होगी।
FD से संबंधित नियमों में हुआ ये बदलाव
- RBI के नए नियम के अनुसार, जमाकर्ता अब छोटी जमा राशि यानी 10,000 रुपये तक की राशि को बिना किसी ब्याज के जमा करने के तीन महीने के भीतर निकाल सकते हैं।
- अब से बड़ी जमाराशियों के लिए मूल राशि का 50% या 5 लाख रुपये तक की आंशिक निकासी तीन महीने के भीतर बिना ब्याज के की जा सकती है।
- बीमारी के मामले में अब जमाकर्ता अपनी पूरी राशि को निकाल सकते हैं लेकिन उन्हें ब्याज का लाभ नहीं मिलेगा।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को अब अधिक समय पर अपडेट जानकारी के लिए मैच्योरिटी पीरियड से कम से कम दो सप्ताह पहले डिपॉजिटर्स को मैच्योरिटी डिटेल की जानकारी देना अनिवार्य होगा।
बजट 2025: एफडी पर टीडीएस सीमा में वृद्धि
बजट 2025 में बैंक एफडी पर ब्याज दर पर टीडीएस की सीमा 40000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। यह सीमा गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए है।टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स आय पर स्रोत पर काटा जाने वाला टैक्स होता है। जब बैंक में एफडी पर मिलने वाला ब्याज एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है तो बैंक को TDS काटना होता है। यह सीमा वरिष्ठ नागरिकों और गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग-अलग है। अगर पैन कार्ड उपलब्ध है तो बैंक 10% की दर से TDS काटते हैं।
अभी क्या है टीडीएस लिमिट?
अभी बैंकिंग कंपनियों, सहकारी बैंकों और पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS कटौती की सीमा 40,000 रुपये है। बजट में इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया है। अन्य मामलों में यह सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इसका मतलब है कि अगले वित्तीय वर्ष से आपको बैंक एफडी पर थोड़ी अधिक ब्याज राशि पर TDS नहीं देना होगा।
टीडीएस कटौती के नियम
टीडीएस कटौती के कुछ नियम और कानून हैं जिनका पालन करना जरूरी है:
- यह तभी लागू होता है जब एफडी पर मिलने वाला ब्याज एक वित्तीय वर्ष में तय सीमा से अधिक हो।
- बैंक या वित्तीय संस्थान जहां एफडी है, वही TDS काटने के लिए जिम्मेदार है।
- अगर पैन कार्ड की जानकारी उपलब्ध है तो TDS 10% की दर से काटा जाता है। अगर पैन कार्ड की जानकारी नहीं है तो TDS 20% की दर से काटा जाता है।
- अगर एफडी संयुक्त नामों में है तो TDS केवल मुख्य खाताधारक के लिए काटा जाता है। दूसरे खाताधारक पर TDS की कोई देनदारी नहीं होती है।
- TDS की कटौती हर वित्तीय वर्ष के अंत में होती है, जब ब्याज जमा होता है, न कि FD की मैच्योरिटी पर।
- टैक्स सेवर एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर भी TDS लागू होता है.
- सभी TDS कटौती जमाकर्ता के पैन खाते में दिखाई देती हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस सीमा में बदलाव
सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस (Budget 2025) की सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब बुजुर्गों को बैंक एफडी (Budget 2025) से अधिक लाभ मिलेगा और टीडीएस कटौती का डर भी कम होगा। यह एक बड़ी राहत है, खासकर उन बुजुर्गों के लिए जो अपनी जीवनभर की कमाई एफडी में निवेश करते हैं।
एफडी खोलने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
फिक्स्ड डिपॉज़िट के आवेदन करने के लिए पैन कार्ड की ज़रूरत पड़ती है। हालांकि, अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आप फॉर्म 60/61 भरकर जमा कर सकते हैं।
क्या स्मॉल फाइनेंस बैंक में एफडी खोलना सुरक्षित है?
हां, स्मॉल फाइनेंस बैंक को रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया द्वारा रेगुलेट किया जाता है। हालांकि, DICGC द्वारा इसे 5 लाख रु. का इंश्योरेंस प्रदान किया जाता है।
NRE फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?
एनआरई फिक्स्ड डिपॉजिट अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) द्वारा भारत में खोला गया एक फिक्स्ड डिपॉजिट खाता है। यह खाता विदेशी मुद्रा में जमा किया जाता है और भारतीय रुपये में परिवर्तित किया जाता है। एनआरई फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में अधिक होती हैं।
निष्कर्ष
बैंक एफडी एक सुरक्षित और विश्वसनीय निवेश विकल्प है। नए नियमों के साथ, यह निवेशकों के लिए और भी अधिक आकर्षक हो गया है।
Disclaimer: बैंक एफडी न्यू रूल्स गाइडलाइंस के बारे में यह आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है। निवेश करने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।