इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) एक ऐसा निवेश विकल्प है जो न केवल आपको बेहतर रिटर्न प्रदान करता है, बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद करता है। यह योजना भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आती है, जिससे आप सालाना ₹1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
ELSS फंड में कम से कम 80% धन का निवेश शेयर बाजार में किया जाता है, जिससे इसकी रिटर्न क्षमता अन्य पारंपरिक बचत योजनाओं की तुलना में अधिक होती है। इसके साथ ही, ELSS में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है, जो इसे एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प बनाता है।
ELSS Scheme Details Table
विवरण | महत्वपूर्ण जानकारी |
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योजना का नाम | इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) |
टैक्स लाभ | धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक |
लॉक-इन अवधि | 3 वर्ष |
न्यूनतम निवेश | ₹500 (SIP के माध्यम से) |
अधिकतम निवेश | कोई सीमा नहीं |
रिटर्न की संभावनाएं | उच्च (शेयर बाजार पर निर्भर) |
जोखिम स्तर | मध्यम से उच्च |
ELSS के लाभ
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम के प्रमुख लाभ:
- टैक्स बचत: ELSS में निवेश करने पर आप अपनी कुल आय से ₹1.5 लाख तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं।
- उच्च रिटर्न: ELSS फंड शेयर बाजार में निवेश करते हैं, जिससे आपको लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
- कम लॉक-इन अवधि: अन्य टैक्स बचत योजनाओं की तुलना में ELSS की लॉक-इन अवधि केवल 3 वर्ष होती है।
- सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP): आप नियमित रूप से छोटी राशि का निवेश कर सकते हैं, जिससे आपका जोखिम कम होता है।
ELSS का चयन कैसे करें
ELSS फंड का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें:
- फंड का इतिहास: पिछले प्रदर्शन को देखें कि फंड ने कैसे प्रदर्शन किया है।
- फंड मैनेजर का अनुभव: अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा संचालित फंड को प्राथमिकता दें।
- फंड का आकार: बड़े फंड आमतौर पर अधिक स्थिर होते हैं।
ELSS में निवेश कैसे करें
ELSS में निवेश करने की प्रक्रिया:
- फंड चुनें: अपने लक्ष्यों और जोखिम सहिष्णुता के अनुसार एक ELSS फंड चुनें।
- खाता खोलें: एक म्यूचुअल फंड कंपनी या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खाता खोलें।
- निवेश राशि तय करें: एकमुश्त या SIP के माध्यम से निवेश राशि निर्धारित करें।
- आवेदन पत्र भरें: आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र भरें और जमा करें।
ELSS से जुड़े कर नियम
कर नियमों की जानकारी:
- ELSS में किए गए निवेश पर आप ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
- तीन साल बाद निकासी पर अर्जित लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाएगा, जिसमें ₹1 लाख तक के लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसके बाद के लाभ पर 10% टैक्स लागू होता है।
निष्कर्ष
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम एक उत्कृष्ट विकल्प है यदि आप टैक्स बचाने के साथ-साथ उच्च रिटर्न भी चाहते हैं। यह योजना न केवल आपकी वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाती है, बल्कि आपको शेयर बाजार में निवेश करने का भी मौका देती है।
Disclaimer: यह योजना पूर्णतः वास्तविक है और भारतीय सरकार द्वारा संचालित की जा रही है।