अब EPS-95 पेंशनर्स को हर महीने ₹7500? 1 फरवरी 2025 से बड़ा बदलाव, कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अंतर्गत आने वाले करोड़ों पेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आने की संभावना है। आगामी बजट 2025 में, जो कि 1 फरवरी को पेश किया जाएगा, उम्मीद है कि सरकार न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति माह कर सकती है। यह कदम उन लाखों पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत लेकर आएगा जो वर्तमान में कम पेंशन राशि के कारण आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.

कर्मचारी संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने यह मांग रखी है कि EPFO से मिलने वाली पेंशन स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रतिमाह किया जाए. इस प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है, और यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो यह करोड़ों EPFO सब्सक्राइबर्स को लाभान्वित करेगा. यह फैसला भारत के बुजुर्ग कार्यबल के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.

ईपीएस-95: मुख्य बातें (Key Highlights)

विशेषता (Feature)विवरण (Details)
न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension)वर्तमान में 1,000 रुपये प्रति माह, प्रस्तावित 7,500 रुपये प्रति माह
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance)पेंशन के साथ महंगाई भत्ते को जोड़ने की मांग
मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएँ (Free Healthcare)पेंशनर्स और उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाओं की मांग
कर्मचारी का योगदान (Employee Contribution)मूल वेतन का 12% भविष्य निधि में
नियोक्ता का योगदान (Employer Contribution)8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में और 3.67% कर्मचारी भविष्य निधि (Provident Fund) में
सरकार का योगदान (Government Contribution)1.16%
पेंशनर्स की संख्या (Number of Pensioners)देशभर में 78 लाख से अधिक

ईपीएस-95 क्या है? (What is EPS-95?)

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ईपीएस-95, कर्मचारी पेंशन योजना 1995, एक पेंशन योजना है जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित की जाती है. यह योजना निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्रदान करती है। इस योजना के तहत, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही कर्मचारी के वेतन का एक निश्चित हिस्सा पेंशन फंड में योगदान करते हैं.ईपीएस-95 योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय प्रदान करना है, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें. यह योजना उन कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिनके पास सेवानिवृत्ति के लिए अन्य कोई आय स्रोत नहीं है.

बजट 2025: पेंशनर्स की उम्मीदें (Budget 2025: Expectations of Pensioners)

बजट 2025 से पेंशनर्स को कई उम्मीदें हैं। सबसे महत्वपूर्ण मांग न्यूनतम पेंशन को बढ़ाना है। पेंशनर्स चाहते हैं कि सरकार न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करे. उनका तर्क है कि वर्तमान पेंशन राशि जीवन यापन की बढ़ती लागत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है.इसके अलावा, पेंशनर्स महंगाई भत्ते (DA) की भी मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि पेंशन के साथ महंगाई भत्ता जुड़ने से उन्हें बढ़ती महंगाई से निपटने में मदद मिलेगी. पेंशनर्स यह भी चाहते हैं कि सरकार उन्हें और उनके जीवनसाथी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करे.

वित्त मंत्री का आश्वासन (Assurance from Finance Minister)

ईपीएस-95 पेंशनर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराया. वित्त मंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार पेंशनर्स की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पेंशनर्स की दुर्दशा (Plight of Pensioners)

देशभर में 78 लाख से अधिक पेंशनभोगी अत्यधिक दयनीय स्थिति में जी रहे हैं. कई पेंशनर्स को 1,000 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है, जिससे उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. वे भोजन, आवास और चिकित्सा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.पेंशनर्स का कहना है कि सरकार को उनकी दुर्दशा पर ध्यान देना चाहिए और उनकी पेंशन में वृद्धि करनी चाहिए ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें.

ईपीएफ योगदान (EPF Contribution)

ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) में, एक सदस्य हर महीने अपने मूल वेतन का 12% योगदान करता है, और कंपनी भी उतना ही योगदान करती है. कंपनी का योगदान दो भागों में विभाजित होता है: 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है, और 3.67% कर्मचारी भविष्य निधि (Provident Fund) में जाता है.

ईपीएस-95 की वर्तमान स्थिति (Current Status of EPS-95)

कर्मचारियों के मूल वेतन का 12% हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. नियोक्ता का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होता है. सरकार भी 1.16% का योगदान करती है.

ईपीएस 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (ईपीएस 95 National Agitation Committee)

ईपीएस 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने पेंशनर्स की मांगों को सरकार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने वित्त मंत्री से मुलाकात की और उन्हें पेंशनर्स की समस्याओं से अवगत कराया. राउत ने कहा कि “7,500 रुपये न्यूनतम पेंशन और महंगाई भत्ता से कम कुछ भी वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक जीवन देने में विफल होगा”.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation)

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के तत्वावधान में काम करता है. यह एक सामाजिक सुरक्षा संगठन है जो कर्मचारियों को भविष्य निधि, पेंशन और बीमा जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है. EPFO भारत में सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठनों में से एक है.

न्यूनतम पेंशन को लेकर मुख्य मांगे (Main Demands Regarding Minimum Pension)

  • न्यूनतम पेंशन: पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक करना.
  • महंगाई भत्ता: पेंशन के साथ महंगाई भत्ता जोड़ना.
  • मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएँ: पेंशनधारकों और उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं.

बजट 2025 में क्या हो सकता है? (What Can Happen in Budget 2025?)

  • न्यूनतम पेंशन में वृद्धि.
  • पेंशन के साथ महंगाई भत्ते की घोषणा.
  • पेंशनर्स के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं की घोषणा.
  • ईपीएफ और ईपीएस के तहत वेतन सीमा में वृद्धि.

निष्कर्ष (Conclusion)

बजट 2025 ईपीएस-95 पेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यदि सरकार उनकी मांगों को स्वीकार करती है, तो यह उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। न्यूनतम पेंशन में वृद्धि से उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे।

Disclaimer: यह लेख विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखा गया है। यह जरूरी नहीं है कि बजट 2025 में पेंशनर्स की सभी मांगों को पूरा किया जाएगा। सरकार का निर्णय अंतिम होगा. पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश या वित्तीय निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें.

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