Bihar Bhumi Survey की प्रक्रिया में मुश्किलें- स्वघोषणा जमा करने में लोगों को परेशानी, क्या करें?

बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य सरकार द्वारा तेजी से चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य में जमीनी विवादों को कम करना और भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करना है। इस प्रक्रिया के तहत, भूमि मालिकों को अपनी जमीन से संबंधित स्वघोषणा (self-declaration) जमा करनी होती है। हालांकि, कई आम लोगों को स्वघोषणा जमा करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस लेख में, हम बिहार भूमि सर्वेक्षण के बारे में विस्तार से जानेंगे और स्वघोषणा जमा करने में आ रही समस्याओं पर चर्चा करेंगे। साथ ही, इन समस्याओं के समाधान के लिए कुछ सुझाव भी देंगे।

बिहार सरकार ने राज्य में भूमि सुधार और जमीनी विवादों को कम करने के लिए भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से, सरकार जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से अपडेट करना चाहती है, ताकि लोगों को अपनी जमीन से संबंधित जानकारी आसानी से मिल सके। यह सर्वेक्षण 20 साल बाद बिहार के सभी जिलों में किया जा रहा है, जिससे भूमि मालिकों को अपनी जमीन का सही विवरण प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है।

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भूमि सर्वेक्षण के दौरान, भूमि मालिकों को अपनी जमीन से संबंधित कुछ दस्तावेज और जानकारी सरकार को देनी होती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है स्वघोषणा पत्र (self-declaration form), जिसमें जमीन के मालिक को अपनी जमीन के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होती है। यह जानकारी सरकार को जमीन के रिकॉर्ड को सही करने और अपडेट करने में मदद करती है। हालांकि, स्वघोषणा पत्र भरने और जमा करने की प्रक्रिया में कई लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

Bihar Bhumi Survey: Main Details

पहलूविवरण
उद्देश्यभूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करना और जमीनी विवादों को कम करना।
स्वघोषणाभूमि मालिकों द्वारा अपनी जमीन से संबंधित जानकारी का घोषणा पत्र जमा करना।
ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदनस्वघोषणा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जमा की जा सकती है.
आवश्यक दस्तावेजजमीन के कागजात, खतियान, केवाला, वंशावली, आदि.
समय सीमासरकार ने भूमि सर्वेक्षण की समय सीमा को जुलाई 2026 तक बढ़ा दिया है.
समस्याएँऑनलाइन प्रक्रिया में तकनीकी समस्याएँ, दस्तावेजों की कमी, जागरूकता की कमी।
समाधानजागरूकता कार्यक्रम, ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाना, शिविरों में सहायता प्रदान करना।
लेटेस्ट अपडेटभूमि सर्वेक्षण के दूसरे चरण में रैयतों को स्वघोषणा करने की समयसीमा मार्च 2025 तक तय की गई है.

बिहार भूमि सर्वेक्षण का उद्देश्य (Objective of Bihar Land Survey)

बिहार भूमि सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य राज्य में भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन (Update) करना और जमीनी विवादों को कम करना है। इसके कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण: भूमि सर्वेक्षण के माध्यम से, सरकार जमीन के सभी रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित करना चाहती है। इससे जमीन की जानकारी को आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा और धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी।
  • जमीनी विवादों का समाधान: बिहार में जमीनी विवाद एक बड़ी समस्या है। भूमि सर्वेक्षण के द्वारा, सरकार जमीन की सही माप और सीमांकन करके इन विवादों को कम करने का प्रयास कर रही है।
  • सरकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन: सही भूमि रिकॉर्ड होने से सरकार को अपनी योजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी। इससे किसानों और भूमि मालिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
  • भूमि कर (Land Tax) का सही निर्धारण: भूमि सर्वेक्षण से जमीन के प्रकार और क्षेत्रफल का सही पता चलेगा, जिससे सरकार उचित भूमि कर लगा सकेगी।

स्वघोषणा (Self-Declaration) क्या है?

स्वघोषणा एक घोषणा पत्र होता है, जिसे भूमि मालिक को अपनी जमीन के बारे में जानकारी देकर सरकार को जमा करना होता है। इस पत्र में निम्नलिखित जानकारी देनी होती है:

  • जमीन का क्षेत्रफल
  • जमीन का प्रकार (कृषि, आवासीय, व्यावसायिक)
  • जमीन का स्थान (गाँव, मौजा, जिला)
  • जमीन के मालिक का नाम और पता
  • जमीन से जुड़े दस्तावेज (खतियान, केवाला, आदि)

यह स्वघोषणा पत्र भूमि सर्वेक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इसके आधार पर ही सरकार जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करती है।

स्वघोषणा जमा करने की प्रक्रिया (Process of Submitting Self-Declaration)

भूमि मालिक स्वघोषणा पत्र को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जमा कर सकते हैं:

  1. ऑनलाइन प्रक्रिया:
    • सबसे पहले, बिहार सरकार की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
    • वेबसाइट पर, “भूमि सर्वेक्षण” या “स्वघोषणा” से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।
    • स्वघोषणा पत्र को ऑनलाइन भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
    • फॉर्म जमा करें और रसीद डाउनलोड करें।
  2. ऑफलाइन प्रक्रिया:
    • राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कार्यालय से स्वघोषणा पत्र प्राप्त करें।
    • फॉर्म को ध्यान से भरें।
    • आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न करें।
    • फॉर्म को राजस्व विभाग के कार्यालय में जमा करें और रसीद प्राप्त करें।

स्वघोषणा जमा करने में आने वाली परेशानियाँ (Problems in Submitting Self-Declaration)

हालांकि, स्वघोषणा जमा करने की प्रक्रिया सरल है, लेकिन कई लोगों को इसमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है:

  • ऑनलाइन प्रक्रिया में तकनीकी समस्याएँ: कई लोगों को ऑनलाइन पोर्टल पर फॉर्म भरने और दस्तावेज अपलोड करने में तकनीकी समस्याएँ आ रही हैं। वेबसाइट का धीमा चलना, सर्वर की समस्याएँ, और अन्य तकनीकी गड़बड़ियों के कारण लोग समय पर स्वघोषणा जमा नहीं कर पा रहे हैं।
  • दस्तावेजों की कमी: कई भूमि मालिकों के पास अपनी जमीन से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं। खतियान, केवाला, और अन्य महत्वपूर्ण कागजात न होने के कारण उन्हें स्वघोषणा जमा करने में परेशानी हो रही है।
  • जागरूकता की कमी: कई लोगों को भूमि सर्वेक्षण और स्वघोषणा के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। उन्हें यह नहीं पता कि स्वघोषणा क्यों जरूरी है, इसे कैसे भरना है, और इसे कहाँ जमा करना है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा का अभाव: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा अच्छी नहीं होने के कारण, लोग ऑनलाइन स्वघोषणा जमा करने में असमर्थ हैं। उन्हें ऑफलाइन प्रक्रिया पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसमें अधिक समय और प्रयास लगता है।
  • अधिकारियों का सहयोग न मिलना: कुछ लोगों का कहना है कि राजस्व विभाग के अधिकारी उन्हें स्वघोषणा जमा करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे सही जानकारी नहीं दे रहे हैं और लोगों को दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
  • सर्वेक्षण शिविरों में भीड़: अंचल स्तर पर कार्यरत विशेष सर्वेक्षण शिविरों में रैयतों की स्वघोषणा, कागजात और वंशावली जमा करने के लिए काफी भीड़ हो रही है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।

समस्याओं का समाधान (Solution of Problems)

स्वघोषणा जमा करने में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • जागरूकता कार्यक्रम: सरकार को भूमि सर्वेक्षण और स्वघोषणा के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए। इन कार्यक्रमों में लोगों को स्वघोषणा का महत्व, इसे भरने की प्रक्रिया, और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
  • ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाना: सरकार को ऑनलाइन पोर्टल को और अधिक सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना चाहिए। तकनीकी समस्याओं को दूर किया जाना चाहिए और वेबसाइट को तेजी से चलाने के लिए उपाय किए जाने चाहिए।
  • शिविरों में सहायता प्रदान करना: राजस्व विभाग को सर्वेक्षण शिविरों में लोगों की सहायता के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात करना चाहिए। इन कर्मचारियों को लोगों को स्वघोषणा भरने और दस्तावेज जमा करने में मदद करनी चाहिए।
  • दस्तावेजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना: सरकार को भूमि मालिकों को उनके जमीन से संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए। खतियान और केवाला जैसे कागजात आसानी से उपलब्ध होने चाहिए।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा: सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा को बेहतर बनाना चाहिए, ताकि लोग ऑनलाइन स्वघोषणा जमा कर सकें।
  • अधिकारियों की जवाबदेही तय करना: राजस्व विभाग के अधिकारियों को लोगों के प्रति अधिक जवाबदेह होना चाहिए। उन्हें लोगों को सही जानकारी देनी चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
  • हेल्पलाइन नंबर जारी करना: सरकार को एक हेल्पलाइन नंबर जारी करना चाहिए, जिस पर लोग भूमि सर्वेक्षण और स्वघोषणा से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकें।

बिहार भूमि सर्वे के लिए जरूरी कागजात (Important Documents for Bihar Land Survey)

बिहार भूमि सर्वे के लिए आवेदन करते समय आपको कुछ जरूरी कागजातों की जरूरत पड़ेगी। इन कागजातों के बिना आपका आवेदन अधूरा माना जा सकता है। इसलिए, आवेदन करने से पहले इन कागजातों को तैयार कर लें:

  1. जमीन का खतियान: खतियान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो जमीन के मालिक का नाम और जमीन के विवरण को दर्शाता है।
  2. केवाला: केवाला जमीन की खरीद-बिक्री का दस्तावेज होता है।
  3. वंशावली: वंशावली जमीन के मालिक के परिवार के इतिहास को दर्शाती है।
  4. जमाबंदी संख्या: जमाबंदी संख्या जमीन के रिकॉर्ड की पहचान संख्या होती है।
  5. मालगुजारी रसीद: मालगुजारी रसीद यह दर्शाती है कि जमीन का कर (Tax) चुका दिया गया है।
  6. आधार कार्ड: आधार कार्ड पहचान प्रमाण के रूप में आवश्यक है।
  7. पैन कार्ड: पैन कार्ड भी पहचान प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

बिहार भूमि सर्वे 2025 की मुख्य बातें (Key Points of Bihar Land Survey 2025)

  • बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य 2024-25 में भी जारी रहेगा।
  • सरकार ने भूमि सर्वेक्षण की समय सीमा को जुलाई 2026 तक बढ़ा दिया है।
  • भूमि मालिक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से स्वघोषणा जमा कर सकते हैं।
  • स्वघोषणा जमा करने के लिए जमीन से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।
  • किसी भी समस्या के समाधान के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें।
  • सरकार भूमि सर्वेक्षण के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चला रही है, जिसमें भाग लेकर आप अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

रैयतों द्वारा स्वामित्व/धारित भूमि की स्वघोषणा हेतु प्रपत्र (Form for Self-Declaration of Land Owned/Held by Ryots)

बिहार सरकार ने रैयतों (भूमि मालिकों) द्वारा स्वामित्व/धारित भूमि की स्वघोषणा के लिए एक विशेष प्रपत्र (फॉर्म) जारी किया है। इस प्रपत्र को भरकर जमा करना अनिवार्य है। इस प्रपत्र में निम्नलिखित जानकारी देनी होती है:

  1. व्यक्तिगत जानकारी:
    • आवेदक का नाम
    • पिता/पति का नाम
    • लिंग
    • जन्म तिथि
    • पता
    • मोबाइल नंबर
    • आधार नंबर
  2. भूमि की जानकारी:
    • जिला
    • अंचल (Block)
    • मौजा (Village)
    • खाता नंबर
    • खेसरा नंबर
    • रकबा (Area)
    • भूमि का प्रकार
    • भूमि का उपयोग
  3. दस्तावेज:
    • खतियान की प्रति
    • केवाला की प्रति
    • वंशावली की प्रति
    • अन्य संबंधित दस्तावेज

इस प्रपत्र को ध्यान से भरें और सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न करें। प्रपत्र को राजस्व विभाग के कार्यालय में जमा करें और रसीद प्राप्त करें।

शहरी क्षेत्रों में भूमि सर्वे की तैयारी (Preparation for Land Survey in Urban Areas)

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे गतिविधियों को त्वरित गति देकर शहरी क्षेत्रों में भी जमीन सर्वे की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में जुटा है। विभाग बहुत जल्द शहरी क्षेत्रों में जमीन सर्वे की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देगा। शहरी क्षेत्रों में भूमि सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक जटिल हो सकता है, क्योंकि शहरी क्षेत्रों में भूमि का उपयोग अधिक विविध होता है और भूमि रिकॉर्ड अधिक जटिल हो सकते हैं।

शहरी क्षेत्रों में भूमि सर्वेक्षण के लिए सरकार निम्नलिखित कदम उठा सकती है:

  • शहरी क्षेत्रों के लिए एक विशेष सर्वेक्षण योजना तैयार करना।
  • शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करना।
  • शहरी क्षेत्रों में भूमि सर्वेक्षण के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाना।
  • शहरी क्षेत्रों में भूमि सर्वेक्षण के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात करना।

निष्कर्ष (Conclusion)

बिहार भूमि सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य में भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करना और जमीनी विवादों को कम करना है। हालांकि, स्वघोषणा जमा करने में कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार और राजस्व विभाग को मिलकर काम करना होगा। जागरूकता कार्यक्रम चलाना, ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाना, शिविरों में सहायता प्रदान करना, और दस्तावेजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे लोगों को स्वघोषणा जमा करने में मदद मिल सकती है।

भूमि सर्वेक्षण में भाग लेकर और स्वघोषणा जमा करके, आप न केवल अपनी जमीन के रिकॉर्ड को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि राज्य के विकास में भी योगदान दे सकते हैं।

Disclaimer: बिहार भूमि सर्वेक्षण एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करना है। यह एक वास्तविक प्रक्रिया है, लेकिन इसमें भाग लेने से पहले सभी जानकारी को सत्यापित करना महत्वपूर्ण है। यदि आपको किसी भी प्रकार की शंका है, तो राजस्व विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें। कुछ असामाजिक तत्व इस प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल करके लोगों को ठगने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें।

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