डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली सब्सिडी या वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर करती है। अगर आप किसी सरकारी योजना, पेंशन या छात्रवृत्ति का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपके बैंक खाते में डीबीटी सक्रिय (enable) होना अनिवार्य है. डीबीटी सक्रिय करने के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी और कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।
इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि बैंक में डीबीटी कराने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज लगते हैं और आप डीबीटी को कैसे सक्रिय कर सकते हैं। हम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों के बारे में जानकारी देंगे ताकि आप अपनी सुविधा के अनुसार प्रक्रिया को पूरा कर सकें. यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपका बैंक खाता आधार से लिंक हो और एनपीसीआई (NPCI) मैपिंग हो, तभी आपको डीबीटी का लाभ मिल पाएगा.
बैंक में डीबीटी (DBT) के लिए आवश्यक दस्तावेज
दस्तावेज़ का नाम | विवरण |
---|---|
आधार कार्ड | 12 अंकों का आधार नंबर आवश्यक |
पैन कार्ड | पैन कार्ड या फॉर्म 60 |
बैंक खाता | सक्रिय बैंक खाता |
मोबाइल नंबर | आधार से लिंक मोबाइल नंबर |
अन्य पहचान प्रमाण | वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट (यदि आवश्यक हो) |
बैंक DBT क्या है? (What is Bank DBT?)
डीबीटी (DBT) का फुल फॉर्म “डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर” है. यह भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक भुगतान प्रणाली है, जिसके माध्यम से सरकार सब्सिडी या पेंशन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर करती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिचौलियों को हटाकर लाभ/सब्सिडी का पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित करना है.
बैंक DBT के फायदे (Benefits of Bank DBT)
बैंक डीबीटी के सक्रिय होने से सरकारी योजनाओं के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता सीधे आपके बैंक खाते में पहुंच जाती है. इससे धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से छुटकारा मिलता है. साथ ही, आपको हर जगह बैंक खाता नंबर देने की जरुरत नहीं पड़ती, क्योंकि आधार कार्ड नंबर देने भर से काम चल जाता है.
बैंक DBT कैसे चालू करें? (How to Enable Bank DBT?)
बैंक डीबीटी (DBT) को आप दो तरीकों से चालू कर सकते हैं:
- ऑनलाइन प्रक्रिया (Online Process):
- अपने बैंक के ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाएं.
- बैंक के मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर लोगिन करें.
- मोबाइल ऐप या वेबसाइट ओपन करने के बाद होम पेज पर मेनू ऑप्शन पर क्लिक करें.
- मोबाइल ऐप या बैंक के आधिकारिक वेबसाइट में डीबीटी सर्विस खोजें.
- अगर पहले से डीबीटी इनेबल है तो ऑप्शन यस रहेगा अन्यथा ऑप्शन को सिलेक्ट करके प्रक्रिया करें.
- ओटीपी वेरिफिकेशन के माध्यम से बैंक खाते में डीबीटी इनेबल आधार एनपीसीआई से लिंक कर सकते हैं.
- ऑफलाइन प्रक्रिया (Offline Process):
- अपने नजदीकी बैंक ब्रांच में जाएं.
- NPCI Mapping Form प्राप्त करें.
- इस फॉर्म को भरकर आधार कार्ड के साथ काउंटर पर जमा कर दें.
- इसके बाद बैंक अधिकारियों के द्वारा आपका फिंगर स्कैन लिया जाएगा.
- सभी डिटेल्स को वेरीफाई करने के बाद आपके बैंक खाते को आधार से लिंक कर दिया जायेगा.
- इसके कुछ ही देर में आपके बैंक खाते में DBT इनेबल हो जायेगा.
- आप चाहें तो आधार संख्या लिंकिंग/सीडिंग करने का सहमति पत्र भी भर सकते हैं.
बैंक DBT स्टेटस कैसे चेक करें? (How to Check Bank DBT Status?)
अगर आपको यह पता लगाना है कि आपके बैंक खाते में DBT इनेबल है या नहीं, तो इस प्रक्रिया को फॉलो करें:
- UIDAI की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएँ: https://resident.uidai.gov.in/bank-mapper
- अपना 12 अंको का आधार नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें।
- इसके बाद Send OTP के बटन पर क्लिक कर दें।
- आपके आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा।
- ओटीपी दर्ज करके अपना आधार वेरीफाई करें।
- वेरिफिकेशन के बाद बैंक DBT स्टेटस आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगा।
NPCI क्या है और यह क्यों जरूरी है? (What is NPCI and Why is it Important?)
NPCI का फुल फॉर्म नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India) है. यह एक संस्था है जो भारत में सभी खुदरा भुगतानों के लिए एक अम्ब्रेला संगठन है. एनपीसीआई के माध्यम से बैंक खाते में आधार लिंक किया जाता है और आधार के माध्यम से भेजा गया पैसा आधार लिंक बैंक खाते में तुरंत प्राप्त हो जाता है.
Disclaimer: यह लेख विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। डीबीटी और एनपीसीआई के बारे में सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए, हमेशा आधिकारिक वेबसाइट uidai.gov.in पर जाएं या अपने बैंक से संपर्क करें.