2025 में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव आने वाले हैं। ये बदलाव नियमों, तकनीक और ग्राहकों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं। इन बदलावों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, कुशल और पारदर्शी बनाना है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इन बदलावों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सके।ये बदलाव बैंक खातों, UPI लेनदेन, ऋणों और अन्य वित्तीय सेवाओं को प्रभावित करेंगे।
इसलिए, ग्राहकों और वित्तीय संस्थानों दोनों को इन बदलावों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इस लेख में, हम 2025 में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में होने वाले मुख्य बदलावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि ये बदलाव आपको कैसे प्रभावित करेंगे और आप इनके लिए कैसे तैयारी कर सकते हैं।
बैंकिंग क्षेत्र 2025: मुख्य बातें (Banking Sector 2025: Key Highlights)
पहलू (Aspect) | विवरण (Details) |
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RBI के नए नियम | निष्क्रिय और शून्य बैलेंस खातों को 1 जनवरी, 2025 से बंद किया जाएगा। |
ECL दिशानिर्देश | RBI 1 अप्रैल, 2025 से अपेक्षित क्रेडिट लॉस (ECL) दिशानिर्देशों को लागू करने का इरादा रखता है। |
तरलता कवरेज अनुपात (LCR) | RBI बैंकों के लिए तरलता कवरेज अनुपात (LCR) को 5% तक बढ़ाने की उम्मीद है, जो अप्रैल 2025 से शुरू होगा। |
NPA में सुधार | PSU बैंकों का GNPA अनुपात 2018 में 14.2% से गिरकर 2024 में 3.15% हो गया है। |
डिजिटल बैंकिंग पर प्रतिबंध | RBI ने IT बुनियादी ढांचे की कमियों के कारण कोटक बैंक को नए डिजिटल ग्राहकों को शामिल करने से प्रतिबंधित कर दिया है। |
क्रिप्टोकरेंसी पर पुनर्विचार | अमेरिका में क्रिप्टो नीति में बदलाव के बाद भारत क्रिप्टोकरेंसी पर अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार कर रहा है। |
ATM से नकद निकासी | ATM से नकद निकासी पर शुल्क बढ़ सकता है और दैनिक निकासी सीमा 50,000 रुपये तक सीमित हो सकती है। |
ब्याज आय पर TDS सीमा | बजट 2025 में ब्याज आय पर TDS सीमा बढ़ने से बैंकों में जमा राशि बढ़ सकती है। |
RBI के नए नियम (RBI’s New Rules)
RBI ने 1 जनवरी, 2025 से कुछ प्रकार के बैंक खातों को बंद करने के लिए नए नियम जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य बैंकिंग सुरक्षा को बढ़ाना, धोखाधड़ी को कम करना और परिचालन दक्षता में सुधार करना है। इन नियमों से प्रभावित होने वाले खाते हैं:
- निष्क्रिय खाते (Inactive Accounts): जिन खातों में एक निश्चित अवधि से कोई लेनदेन नहीं हुआ है, उन्हें निष्क्रिय माना जाएगा।
- सुप्त खाते (Dormant Accounts): निष्क्रिय खातों से भी अधिक समय तक कोई गतिविधि न होने पर उन्हें सुप्त घोषित किया जा सकता है।
- शून्य बैलेंस खाते (Zero Balance Accounts): जिन खातों में कोई राशि नहीं है, उन्हें भी बंद किया जा सकता है।
खाताधारकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके खाते सक्रिय रहें और उनमें पर्याप्त बैलेंस हो ताकि उन्हें बंद होने से बचाया जा सके।
अपेक्षित क्रेडिट लॉस (ECL) दिशानिर्देश (Expected Credit Loss (ECL) Guidelines)
RBI 1 अप्रैल, 2025 से अपेक्षित क्रेडिट लॉस (ECL) दिशानिर्देशों को लागू करने की योजना बना रहा है। ECL दिशानिर्देश बैंकों को भविष्य में होने वाले नुकसानों का अनुमान लगाने और उनके लिए प्रावधान करने की आवश्यकता होती है। इससे बैंकों की वित्तीय स्थिरता में सुधार होगा और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा होगी।हालांकि, ECL दिशानिर्देशों के कारण बैंकों को अतिरिक्त प्रावधान करने पड़ सकते हैं, जिससे उनकी लाभप्रदता पर असर पड़ सकता है। ECL को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है, जिससे मार्च 2025 तक प्रावधान 2% से बढ़कर 2027 तक 5% हो सकते हैं।
तरलता कवरेज अनुपात (LCR) में वृद्धि (Increase in Liquidity Coverage Ratio (LCR))
RBI बैंकों के लिए तरलता कवरेज अनुपात (LCR) को 5% तक बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है, जो अप्रैल 2025 से शुरू होगा। LCR बैंकों को अपनी अल्पकालिक देनदारियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरल संपत्ति रखने की आवश्यकता होती है। LCR में वृद्धि से बैंकों की तरलता में सुधार होगा, लेकिन इससे ऋण वृद्धि में अस्थायी रूप से कमी आ सकती है और NIM पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
NPA में सुधार (Improvement in NPA)
भारतीय बैंकों ने हाल के वर्षों में अपनी गैर-निष्पादित संपत्तियों (NPA) को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। PSU बैंकों का GNPA अनुपात 2018 में 14.2% से गिरकर 2024 में 3.15% हो गया है। निजी बैंकों ने भी अपने NPA में सुधार किया है। NPA में कमी से बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है और उन्हें अधिक ऋण देने में मदद मिली है। सकल NPA 12 साल के निचले स्तर 2.6% पर आ गया है।
डिजिटल बैंकिंग पर प्रतिबंध (Restrictions on Digital Banking)
RBI ने IT बुनियादी ढांचे की कमियों के कारण कोटक बैंक को नए डिजिटल ग्राहकों को शामिल करने से प्रतिबंधित कर दिया है। RBI ने मन्नपुरम फाइनेंस की सहायक कंपनी आसिरवाद MFI के बारे में भी पर्यवेक्षी चिंताएं जताई हैं। इससे पता चलता है कि RBI डिजिटल बैंकिंग में सुरक्षा और अनुपालन को लेकर गंभीर है।
क्रिप्टोकरेंसी पर पुनर्विचार (Reconsideration on Cryptocurrency)
अमेरिका में क्रिप्टो नीति में बदलाव के बाद भारत क्रिप्टोकरेंसी पर अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार कर रहा है। भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक चर्चा पत्र जारी करने की योजना बना रही थी, लेकिन इस पुनर्विचार के कारण इसमें देरी हो सकती है।
ATM से नकद निकासी (ATM Cash Withdrawal)
ATM से नकद निकासी पर शुल्क बढ़ सकता है और दैनिक निकासी सीमा 50,000 रुपये तक सीमित हो सकती है। ये बदलाव ATM के उपयोग को कम करने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे हैं। अपने बैंक के ATM से निकासी 25 रुपये (20 रुपये से ऊपर) और दूसरे बैंकों के ATM से 30 रुपये प्रति निकासी होगी।
ब्याज आय पर TDS सीमा (TDS Limit on Interest Income)
बजट 2025 में ब्याज आय पर TDS सीमा बढ़ने से बैंकों में जमा राशि बढ़ सकती है। विभाग के वित्तीय सेवा सचिव श्री एम. नागराजू को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2025 में आयकर छूट की सीमा 12 लाख रुपये तक बढ़ाने और सावधि जमा ब्याज पर TDS सीमा बढ़ाने से बैंकों में 40,000-45,000 करोड़ रुपये आएंगे।
बाजार के समय की समीक्षा के लिए RBI का कार्यदल (RBI Working Group for Market Timings Review)
RBI ने RBI-विनियमित बाजारों में व्यापार और निपटान के समय की व्यापक समीक्षा करने के लिए एक कार्यदल का गठन किया है। समिति का नेतृत्व श्री राधा श्याम राथो (कार्यकारी निदेशक, RBI) कर रहे हैं। यह समूह 30 अप्रैल, 2025 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
सीमा पार CNP लेनदेन के लिए AFA का प्रस्ताव (AFA Proposal for Cross-Border CNP Transactions)
RBI ने गैर-आवर्ती सीमा पार कार्ड नॉट प्रेजेंट (“CNP”) लेनदेन के लिए अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन (“AFA”) को अनिवार्य करने वाले मसौदा निर्देश जारी किए हैं। इस कदम का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल लेनदेन में भुगतान सुरक्षा को बढ़ाना और धोखाधड़ी को कम करना है।
बजट 2025 बैंकिंग क्षेत्र को कैसे मजबूत कर सकता है (How Budget 2025 Can Strengthen the Banking Sector)
बजट 2025-26 का उद्देश्य गैर-निष्पादित संपत्तियों को कम करके भारत के बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करना है। भारत का बैंकिंग क्षेत्र बेहतर हुआ है, सकल NPA 12 साल के निचले स्तर 2.6% पर आ गया है।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम (Other Important Developments)
- कई प्रमुख बैंकों में नेतृत्व परिवर्तन होगा, जिनमें इंडसइंड बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं।
- RBI बैंकों के लिए तरलता कवरेज अनुपात (LCR) को 5% तक बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है, जो अप्रैल 2025 से शुरू होगा।
- NBFC के साथ नई FD नियम समय से पहले निकासी और संचार को सरल करेंगे।
निष्कर्ष (Conclusion)
2025 में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने वाले हैं। इन बदलावों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, कुशल और पारदर्शी बनाना है। ग्राहकों और वित्तीय संस्थानों दोनों को इन बदलावों के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि वे इनके लिए तैयारी कर सकें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों पर आधारित है। जबकि हमने सटीक और अद्यतित जानकारी प्रदान करने की पूरी कोशिश की है, हम इसकी पूर्ण सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं देते हैं। बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में बदलाव तेजी से हो सकते हैं, और नियमों और विनियमों में परिवर्तन हो सकते हैं। इसलिए, हम पाठकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले पेशेवर सलाह लें या आधिकारिक स्रोतों से जानकारी सत्यापित करें।